कार्यात्मक प्रोग्रामिंग भाषाओं के समर्थकों का कहना है कि कार्यात्मक प्रोग्रामिंग कोड के बारे में तर्क करना आसान बनाता है। वैधानिक रूप से टाइप की गई भाषाओं के पक्ष में लोगों का कहना है कि उनके कंपाइलर टाइप सिस्टम की अतिरिक्त जटिलता के लिए पर्याप्त त्रुटियां पकड़ लेते हैं। लेकिन इन विषयों पर मैंने जो कुछ भी पढ़ा है वह तर्कसंगत तर्क पर आधारित है, अनुभवजन्य आंकड़ों पर नहीं।
क्या प्रोग्रामिंग भाषाओं की विभिन्न श्रेणियों के दोष दर या अन्य गुणवत्ता मैट्रिक्स पर क्या प्रभाव हैं, इस पर कोई अनुभवजन्य अध्ययन है?
( इस प्रश्न के उत्तर से प्रतीत होता है कि इस तरह के अध्ययन नहीं हैं, कम से कम गतिशील बनाम स्थिर बहस के लिए नहीं)